यूपी के स्वास्थ्य विभाग की इज्जत का हुआ फालूदा, ज्यादातर अखबारों में तबादलों को लेकर निगेटिव खबर

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लखनऊ। गुरुवार के अखबारों में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की इज्जत का फालूदा हो गया है। गुरुवार को लखनऊ से प्रकाशित ज्यादातर अखबारों में छपी खबरों से विभाग की बेहद फजीहत हुई है। ऐसी खबरें तब से छपना शुरू हुई हैं, जबसे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन को लिखा, वह पत्र वायरल हुआ, जिसमें स्थानांतरण नीति का पालन न होने के लिए जवाब मांगा गया था।
हिंदुस्तान में आनंद सिन्हा ने लिखा है कि राजकीय मेडिकल कालेजों में प्रधानाचार्य, सहायक आचार्य, सह-आचार्य लाखों-करोड़ों के घोटाले की जांचों में फंसे हैं। बरसों हुए उनके खिलाफ विभागीय जांचे शुरू हुई। शासन बार-बार लगातार रिमाइंडर भेज रहा है लेकिन जांच अधिकारी है कि कान पर जूं नहीं रेंग रही। नतीजतन, कई बड़े घोटालों के आरोपी पद पर बने हुए हैं। शासन ने अब अधिकारियों को जांच तेज कर रिपोर्ट मांगी है। मेडिकल कालेजों में 42 ऐसे प्रधानाचार्य आचार्य, प्रवक्ता हैं जिनके खिलाफ जांचें हैं।
अमर उजाला ने लिखा कि स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर ही नहीं दूसरे संवर्ग के स्थानांतरण में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। कई डॉक्टरों को प्रमोशन सूची में लेवल 2 से लेवल वन में कर दिया गया है। इसी तरह पैरामेडिकल, नर्सिंग सहित अन्य संवर्ग में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। महानिदेशालय में स्थानांतरण संबंधी शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।


नवभारत टाइम्स ने लिखा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की आपत्तियो को अब एक कमिटी के हवाले कर दिया गया है। निदेशकों की कमिटी उनकी शिकायतें सुनेगी और उस पर फैसला लेगी। स्वास्थ्य निदेशालय को करीब 200 प्रत्यावेदन मिले हैं और यह सिलसिला जारी है। बुधवार को भी कई डॉक्टर और स्वास्थ्यकमी अपनी-अपनी अर्जियों लेकर डीजी के पास पहुंचे थे। बुधवार को निदेशालय पहुंचने वालों में कई डॉक्टर ऐसे थे, जिनका तबादला लेवल तीन बताकर किया गया है, जबकि ये लेवल एक के डॉक्टर थे। डीजी हेल्थ डॉ. लिली सिंह ने सभी प्रत्यावेदन एकत्रित करने की जिम्मेदारी अपने स्टाफ को दे दी है। ये प्रत्यावेदन मिलने के बाद निदेशकों के पास विचार के लिए जाएंगे।
दैनिक जागरण ने लिखा कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से मुलाकात की और डाक्टरों के गलत ढंग से किए गए तबादलों की शिकायत की। एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सचिन वैश्य व महामंत्री डा. अमित सिंह ने कहा कि स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया। अभी तक 300 से अधिक डाक्टर अपने स्थानांतरण में गड़बड़ी की शिकायत कर चुके हैं। कुल ढाई हजार डाक्टरों का तबादला किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि नियम विरूद्ध ढंग से हुए तबादले रद होंगे।

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