नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति को 5 न्यायिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप की शिकायत मिली थी। जांच के दौरान उत्तर प्रदेश में तैनात तीन न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोप को सही पाए जाने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया है। दो अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण हाईकोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया। राज्य सरकार जल्द ही इसका आदेश जारी करेगी। इस खबर को अमर उजाला, नवभारत टाइम्स, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान सहित तमाम अखबारों ने प्रमुखता से छापा।
उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा के जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया है, उनमें अशोक कुमार सिंह (षष्ठम एडीजे), हिमांशु भटनागर, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश और डॉ. राकेश कुमार नैन, विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम शामिल हैं।
अशोक कुमार सिंह
28 मार्च 2001 को अशोक कुमार सिंह को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन), गाजीपुर के रूप में नियुक्त किया गया था। 4 जुलाई 2015 को उन्हें अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश बदायूं के रूप में नियुक्त किया गया। 11 जुलाई 2015 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। ADJ अशोक कुमार सिंह षष्ठम मूलत: ग्राम नगहार, बलिया के रहने वाले हैं। 17 जुलाई 1972 में पैदा हुए अशोक कुमार ने बतौर मुंसफ मजिस्ट्रेट न्यायिक सेवा की शुरुआत 28 मार्च 2001 की। उन्हें पहला प्रमोशन 8 अगस्त 2006 में मिला। उत्तर प्रदेश हायर जुडिशियल सर्विसेज में उनकी ज्वाइनिंग 2 जुलाई 2015 में हुई।
इसके बाद 1994 में द्वितीय श्रेणी में LLB की परीक्षा पास की। 1998 में LLM की परीक्षा पास की। उनकी पहली पोस्टिंग एडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन के तौर पर गाजीपुर में 28 मार्च 2001 को हुई। 2004 तक उन्होंने गाजीपुर में ही अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद कानपुर नगर, सिद्धार्थ नगर, इटावा, फरूर्खाबाद, मलीहाबाद लखनऊ, गोरखपुर और बांदा में विभिन्न पदों पर रहे हैं। 4 जुलाई 2015 में उनकी अंतिम पोस्टिंग एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सेशन जज बदायूं रही है।
हिमांशु भटनागर
हिमांशु भटनागर को 19 मार्च, 1996 को अतिरिक्त सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रूप में नियुक्त किया गया। 16 अप्रैल 2021 को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बलिया में नियुक्त किया गया। हिमांशु भटनागर पुत्र एससी भटनागर मूलत: न्यू आवास विकास कालोनी सहारनपुर के रहने वाले हैं। 7 जनवरी 1966 में पैदा हुए हिमांशु भटनागर ने 1985 में प्रथम श्रेणी में बीएससी पास किया है। इसके अलावा 1988 में प्रथम श्रेणी में एलएलबी किया है।
19 मार्च 1996 में उन्होंने न्यायिक सेवा में बतौर मुंसफ मजिस्ट्रेट शुरू की थी। उनकी पहली पोस्टिंग नैनीताल में बतौर एडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन के तौर पर हुई। हिमांशु 1998 तक नैनीताल में न्यायिक सेवा के विभिन्न पदों पर रहे। इसके अलावा भदोही के ज्ञानपुर, बागपत, लखनऊ, गाजियाबाद, मथुरा, गाजीपुर,कासगंज, मुजरफ्फरनगर में भी अपनी सेवाएं दीं। वर्तमान 16 अप्रैल 2021 तक वे एडिशनल डिस्ट्रक्ट सेशन जज बलिया के पद पर तैनात रहे हैं।
डॉ. राकेश कुमार नैन
डॉ. राकेश कुमार नैन ने 11 अगस्त, 1999 को प्रदेश की न्यायिक सेवा में आए थे। वह विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण) अधिनियम), सिद्धार्थ नगर रहे हैं। तीनों न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ मिलीं भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के बाद आरोप सही पाए गए हैं। इसके बाद तीनों न्यायिक अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
ADJ डॉ. राकेश कुमार नैन मूलत: ग्राम वलीपुर, लरहपुर थाना भवन बहादुर नगर बुलंदशहर के रहने वाले हैं। 1 दिसंबर 1966 को जन्मे डॉ. राकेश कुमार नैन की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई शाहजहांपुर में ही हुई है। उन्होंने 1998 में द्वितीय श्रेणी में बीए किया था। इसके बाद एलएलएम की पढ़ाई द्वितीय श्रेणी में 1995 में पास किया। इसके बाद डॉ. नैन ने एलएलडी की पढ़ाई पूरी की। उनकी पहली नियुक्ति एडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन के तौर पर 11 अगस्त 1999 में हुई। डॉ. राकेश फैजाबाद, इटावा, मोरादाबाद बागपत, कौशांबी रामपुर व सिद्धार्थ नगर में न्यायिक सेवा के विभिन्न पदों पर रहे हैं।