प्रयागराज। आईएएस नवनीत सिंह चहल की की फजीहत हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के एक मामले में मथुरा के डीएम नवनीत सिंह चहल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस को अगली सुनवाई पर नवनीत सिंह चहल को पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बृजमोहन शर्मा व तीन अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। दैनिक जागरण, अमर उजाला सहित कई प्रमुख अखबारों ने इस खबर को जगह दी है। न्यूज 18, पत्रिका, ज़ी न्यूज़ सहित कई पोर्टल ने इस खबर को पोस्ट किया है।
पत्रिका ने लिखा है कि कोर्ट ने कहा कि मथुरा के डीएम का 18 अप्रैल 2022 का आदेश कुछ और नहीं, बल्कि उनका तिरस्कारपूर्ण कृत्य है, क्योंकि यह विश्वास नहीं किया जा सकता कि ऐसा अधिकारी इस न्यायालय की के आदेश की भाषा और मंशा नहीं समझ सका हो।
कोर्ट ने छह सितंबर 2021 को 22 जुलाई 2016 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें याचियों को पेंशन का भुगतान करने से इस आधार पर मना कर दिया था कि नियमित होने से पूर्व की उनकी सेवाओं को पात्रता सेवा के तौर पर नहीं गिना जाएगा, जिससे वे पुरानी पेंशन योजना का लाभ पा सकें। कोर्ट ने छह सितंबर 2021 के आदेश में कहा था कि बहुत लंबे समय तक दी गई सेवाओं को सेवा पात्रता की गणना करते समय नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
साथ ही याचियों की 1996 से जारी सेवाओं की गणना कर पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया था। इस आदेश का अनुपालन नहीं होने पर ने यह अवमानना याचिका की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 11 फरवरी 2022 को नोटिस जारी किया था। इस पर एक अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया, जिसमें मथुरा के डीएम ने 18 अप्रैल 2022 के आदेश की प्रति संलग्न की। आदेश में याचियों को सेवा का लाभ देने से मना किया गया है।