नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ. बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले. बस यही हाल मुकुल गोयल का हुआ है। योगी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल को हटा दिया है. पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को शासकीय कार्यों की अवहेलना करने, विभागीय कार्यों में रुचि न लेने एवं अकर्मण्यता के चलते DGP पद से मुक्त करते हुए डीजी नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है. जब तक नए डीजीपी के नाम पर मोहर नहीं लगती, तब तक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार डीजीपी का अतिरिक्त चार्ज संभालेंगे. इस खबर को चाहे चैनल हों, पोर्टल हों या फिर अखबार इसे सुर्खियों में सबने दर्ज किया। साथ ही पूर्व डीजीपी का इतिहास भी बताया।
पहले एक बार हो चुके हैं सस्पेंड
मुकुल गोयल इससे पूर्व 2006 में पुलिस भर्ती घोटाले में नाम आने पर निलंबित हुए थे. इसके अलावा मुज़्ज़फ़रनगर दंगा भी इनके ही कार्यकाल में हुआ. तब मुकुल गोयल ADG ला एंड ऑर्डर के पद पर तैनात थे.
गोयल यूपी कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं. गोयल बीएसएफ में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (अभियान) के पद पर भी सेवा दे चुके हैं. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की. गोयल यूपी के कई शहरों में पुलिस सुपरिटेंडेंट और सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जिनमें जालौन, मैनपुरी, हाथरस, गोरखपुर, वाराणसी, सहारनपुर और मेरठ शामिल हैं.