धनाध्यक्ष कुबेर की देश में सबसे ऊंची प्रतिमा विदिशा के पुरातत्व संग्रहालय के द्वार पर स्थापित है। ईसा से 2 शताब्दी पूर्व से भी प्राचीन यह मूर्ति 12 फुट ऊंची है। यह प्रतिमा बैस नदी के किनारे पड़ी मिली, जिस पर धोबी कपड़े धोते थे। मूर्ति के सिर पर पगड़ी और कंधे पर दुपट्टा है। कानों में कुंडल और गले में हार है। प्रतिमा के दाएं हाथ में धन की थैली (मनी बैग) है और बाएं हाथ का पंजा खंडित दिखाई दे रहा है।
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धन यानी खजाने के देवता इस मूर्ति की लंबाई 12 फीट और चौड़ाई पैरों की तरफ 2.5 फीट से लेकर सिर तक करीब 4 फीट तक है। कुबेर की यह प्रतिमा करीब 50 साल पहले मिली थी। हर साल धनतेरस पर कुबेर के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। जानकारों के अनुसार देश में कुबेर जी की चार-पांच ही प्राचीन बड़े आकार की प्रतिमाएं हैं। उनमें से एक बिहार के दीदारगंज में मिली थी, जिसे नई दिल्ली के राष्ट्रीय पुरातत्व संग्रहालय में रखा गया है। इसके अलावा राजस्थान के भरतपुर, उत्तरप्रदेश के मथुरा और दक्षिण भारत में है।