जाना का हौ प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ गलियारे में…

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नवल कान्त सिन्हा
काशी विश्वनाथ के बारे में आप सब जानत हौ। आवा आप सबके बतावत हई काशी विश्वनाथ गलियारे के बारे में। विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंचाने पर आपका स्वागत सबसे पहले एक बड़का दरवाजा करी. यह दरवाजा उस विश्वनाथ कॉरिडोर का द्वार खोलत हौ, जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करले रहलन। इस दरवाजे के आरपार लगभग 50000 वर्ग मीटर में इस इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण करले गयल हौ। वाराणसी के काशी विश्वनाथ गलियारे में पूरा का पूरा इतिहास का एक नया पन्ना जुड़ल हौ। करीब ढाई सौ बरस बाद काशी विश्वनाथ का पूरा जीर्णोद्धार प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार भयल हौ।

दो भागों में बटल हौ विश्वनाथ कॉरिडोर
विश्वनाथ कॉरिडोर को दो भागों में बटल हौ। मंदिर के मुख्य परिसर को लाल बलुआ पत्थर के द्वारा बनायल गयल हौ। इम्मन 4 बड़े–बड़े गेट लगायल गयल हौ। इके चारों ओर एक प्रदक्षिणा पथ बनायल गयल हौ। उ प्रदक्षिणा पथ पर 22 संगमरमर के शिलालेख लगायल गयल हौ, इन पर काशी की महिमा का वर्णन हौ। काशी विद्वत परिषद् के महामंत्री मुख्य मंदिर परिसर के इस भाग के बारे में तफ्सील से बतावत हव्वन कि “इसमें 22 शिलालेख ऐसे लगायल गयल हौ। इन पर भगवान विश्वनाथ से संबंधित स्तुतियां हईं। इकरे साथ आदि शंकराचार्य ने जे स्तुतियों के गावत रहलन, उनकर उल्लेख हौ। अन्नपूर्णा स्त्रोत हौ। जिन स्तुतियों को भगवान शंकर ने गावत रहलन, उहौ हौ। साथ ही भगवान शिव के 56 विनायक, द्वादश आदित्य का उल्लेख हौ। काशी में पंचनद हौ, काशी में पंचतीर्थ हौ, काशी में भगवान शिव की बारात कैसे निकलत हौ, भगवान विश्वनाथ काशी में पहली बार कब अईलन, इन सबकर जानकारी हौ। भगवान शिव पार्वती का विवाह का उल्लेख हौ, ऐसे 24 पैनल बनायल गयल हौ।

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