कुरुंगलेश्वर शिव मंदिर कोयमबेडु चेन्नई तमिलनाडु | Kurungaleswarar Shiva Temple koyambedu Chennai Tamil Nadu

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तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों में से एक मंदिर है कुरुंगलेश्वर शिव मंदिर। यहां एक खंभे पर उभारी गयी श्रीराम को अपने कांधे पर उठाए मूर्ति लोगों को आश्चर्य में डाल देती है। दरअसल चेन्नई के पास कोयमबेडु में शिवजी को समर्पित कुरुंगलेश्वर मंदिर की इस मूर्ति को देख लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर शंकर जी के इस मंदिर में भगवान राम और हनुमान जी इतनी प्रमुखता से क्यों हैं?


इसका जवाब जानने के लिए इस स्थान यानी कोयमबेडु का अर्थ आपको जानना होगा। ‘को’ का अर्थ हुआ घोड़ा, ‘अम्बु’ मतलब तीर और पेडु का आशय बाड़ या फेन्स। माना जाता है कि जब श्रीराम अश्वमेध यज्ञ करा रहा थे तो उनके घोड़ों को इसी स्थान पर लव और कुश ने रोका था। लव-कुश ने इन घोड़ों को तीरों की बाड़ लगाकर अपने कब्जे में ले लिया था। अब एक अन्य सवाल आपके मन में आया होगा कि तो फिर इस स्थान पर शंकर जी का मंदिर क्यों? तो इसका जवाब यह है कि शंकर जी चाहते थे कि रामजी के परिवार का मिलन हो जाए और पिता-पुत्रों के बीच युध्द की स्थिति न आये। वाल्मीकि जी ने इसी दौरान लव-कुश को ज्ञान दिया था कि श्रीराम उनके पिता हैं। फिर वाल्मीकि जी ने ही यहां इस शिव मंदिर की स्थापना की। चोल शासन के दौरान यह मंदिर भव्य बना।

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