फिर संरक्षित होगा पाकिस्तान के पेशावर का पंज तीर्थस्थल

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देर से ही सही लेकिन पाकिस्तान से एक ये एक सकारात्मक खबर है. यहाँ पाक सरकार ने हिंदुओं के लिए पवित्र माने जाने वाले पंज तीर्थ को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया है. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य की राजधानी पेशावर में का पंज तीरथ मंदिर जल्द ही दर्शन के लिए उपलब्ध होगा. पंज तीरथ में पंज का मतलब है पांच तीर्थ. यहां पहले पानी के पांच कुंड हुआ करते थे. साथ में एक मंदिर था. मानते हैं कि इस मंदिर का वजूद जुड़ा है महाभारत की कहानी से. कहते हैं पांडवों के पिता पांडू यहीं के थे. एक जमाने में ये हिंदुओं का बड़ा तीर्थ हुआ करता था. यात्रा होती थी. कार्तिक के महीने में हिंदू यहां दर्शन के लिए आते थे. यहां के कुंड में डुबकी लगाते, पूजा-पाठ करते थे.

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अफ़गान दुर्रानी वंश के शासन में इस जगह को काफी नुकसान पहुंचा. फिर जब सिखों का शासन आया, तब हिंदुओं ने इस जगह का पुनरुद्धार करवाया. 1947 से पहले ये काफी आबाद जगह थी. तब यहां कुंड थे, मंदिर थे, घर और खजूर-पीपल के पेड़ों से भरा बगीचा भी था. बंटवारे के बाद हिन्दुओं और मंदिरों पर बन आयी. सैकड़ों मंदिर या तो नष्ट कर दिए गए या उन पर अवैध कब्जा हो गया. 1970 में पंजतीर्थ को तोड़-फोड़ कर यहां खैबर-पख्तूनख्वा चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री का ऑफिस बना दिया गया. पंज तीरथ कॉम्प्लैक्स में पुराने मंदिर के नाम पर अब केवल एक छोटा सा लाल-गुलाबी रंग का खंडहर बचा हुआ है. मगर इधर इमरान खान सरकार अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव में पाकिस्तान की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुधारने के मिशन में लगी दिखती है. पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के अनुसार खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने बौद्ध धर्म से जुड़ी जगहों को भी रिस्टोर करेगी.
2 जनवरी को KP ऐंटीक्विटिज ऐक्ट 2016 के तहत पंज तीरथ से जुड़ा ये आदेश जारी हुआ. इसमें कहा गया है कि अगर कोई भी इंसान इसे नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया, तो उस पर दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा. साथ में, उसे पांच साल जेल की सज़ा भी हो सकती है. इसके अलावा पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर ने प्रांत की सरकार से ये भी कहा है कि वो पंज तीरथ से अतिक्रमण हटाएं. साइट खाली करवाएं. ताकि वहां मरम्मत वगैरह का काम किया जाए. पंज तीरथ की ही जमीन पर एक चाचा यूनुस पार्क भी है. पुरातत्व विभाग ने इसे भी हटाने को कहा है.

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